हमारा देश भारत विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है जहाँ बहुरंगी त्योहार, विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में मिला है । भारत कृषि में भी आत्मनिर्भर है और हमारे इस सुन्दर से देश में कलाकारों के द्वारा बनाई गई सुन्दर सुन्दर कलाकिर्तीयों से भी भरा है | तो आज हम इन्ही में से एक कलाकार के बारे में जानेगे जो है कुम्हार (Potter) |
कुम्हार (Potter) - मिट्टी के बर्तन बनाने वाला
हमारे देश की धरती सोने जैसी हज़ारों अन्य मूल्यवान वस्तुओं को जन्म देती है इसलिए भारत को सोने की चिड़िया भी कहा जाता है | हमारी मातृभूमि इतनी सारी गुणों से परिपूर्ण है जो दुनिया के किसी भी देश के मिट्टी में नहीं होगा | हमारी मातृभूमि की मिट्टी औसधिय गुणों से भरा पड़ा है आपको जानकर हैरानी होगी की हमारे देश में बनाई गई औसधि से हज़ारों बीमारी का सफलता पूर्वक इलाज किया जाता है |
मिट्टी का घड़ा, इसका गुण वही समझ सकता है जो हर रोज घड़े का पानी पिता हो और खास करके गर्मी के मौसम में | इसका उपयोग हमारे पूर्वजों से किया जाता आ रहा है, और हमारे देश के ज्यादा से ज्यादा लोग पुराने ज़माने में खाना पकाने और पानी पिने में सिर्फ मिट्टी के बर्तन का उपयोग किया करते थे |
सायद आप सब ये भूल गए होंगे की आज से 30 या 35 साल पहले हम सब के घर में बहुत सरे मिट्टी के बर्तन हुवा करता था, हमारे घरों में पानी पिने के लिए बड़े बड़े घड़े होते थे और उस घड़े का पानी का स्वाद क्या लाजवाब था | आज ज़माना भले ही टेक्नोलॉजी की दुनिया में बहुत आगे पहुँच गया है लेकिन हमारी जिंदगी से ये सारी पुराणी यादें नहीं ले जा सकती | आज कल के लाइफ स्टाइल में लोग मिनरल पानी पिने के लिए कितनी महँगी महँगी वाटर फ़िल्टर को इस्तेमाल करने लगे है लेकिन फिर भी हमें मिट्टी के घड़े का स्वाद नहीं मिलता |
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